Pradhanmantri MUDRA Yojana (2021) पाएं पूरी जानकारी हिन्दी में-

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (MUDRA Yojana)

 

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) 8 अप्रैल, 2015 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जो ऋण प्रदान करने के लिए है। इन ऋणों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत मुद्रा (MUDRA) ऋण के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

                    ये ऋण वाणिज्यिक बैंक, आरआरबी, लघु वित्त बैंक, MFI और  गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) द्वारा दिए जाते हैं। उधारकर्ता उपरोक्त उल्लिखित किसी भी उधार देने वाले संस्थान से संपर्क कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत, मुद्रा (MUDRA) ने लाभार्थियों के धन की जरूरतों के चरण को दर्शाने के लिए ‘शिशु’, ‘किशोर’ और ‘तरुण’ नाम से तीन वर्गीकरण किया है।

                     इस योजना के लिए बनाई गयी वेबसाइट के मुताबिक 23 मार्च 2018 तक मुद्रा योजना के तहत 228144 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किये जा चुके हैं। सरकार ने मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) के तहत इस साल 23 मार्च तक 220596 करोड़ रुपये के लोन बांटे हैं। पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

विडिओ- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की घोषणा करते हुए-

              https://www.youtube.com/watch?v=wjz7GgzRbIA 

माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (MUDRA) बैंक संक्षिप्त विवरण

राष्ट्र                  भारत

प्रधानमंत्री         नरेंद्र मोदी

उद्योग               व्यापार वित्त

स्थापना            8 अप्रैल 2015 ; 5 साल पहले

मुख्यालय          मुंबई

स्थिति              सक्रिय

वेबसाइट          www.mudra.org.in

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) की योग्यताएं

कोई भी भारतीय नागरिक जो कृषि के अलावा कोई और आय के स्रोत की स्थापना करना चाहता है, जैसे- वस्तु-निर्माण, सेवा-संस्थान, छोटा व्यापार आदि जिसकी स्थापना करने के लिए 10 लाख रुपये से कम की आवश्यकता होती है। वह बैंक या सूक्ष्म वित्त संस्थाओं से संपर्क कर सकते हैं, जहां प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) के तहत मुद्रा (MUDRA) लोन दिया जाता हो।

ऋण प्राप्त करने के प्रकार

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) के तहत मुद्रा (MUDRA) ने तीन वर्ग बनाए हैं:-

  1. शिशु: इसके अंतर्गत 50,000 रुपये तक के ऋण प्रदान किए जाते हैं।
  2. किशोर: इसके अंतर्गत 50,000 से 5,00,000 रुपये तक ऋण प्रदान किए जाते हैं।
  3. तरुण: इसके अंतर्गत 5,00,000 से 10,00,000 रुपये तक ऋण प्रदान किए जाते हैं।

इतिहास

फरवरी 2015 में भारत के वित्तीय वर्ष 2015 के केंद्रीय बजट में मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) के गठन की घोषणा की गई थी।  इसे औपचारिक रूप से अप्रैल में शुरू किया गया था।

                     MUDRA बैंक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) के तहत स्थापित किए गए थे। जो एजेंटों का उपयोग करके, नियमित बैंकों के सेवा क्षेत्र के बाहर छोटे व्यापारियों को अपनी सेवाएं प्रदान करेगा । 2013 के NSSO के सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 5.77 करोड़ छोटे व्यवसाय को लक्षित ग्राहकों के रूप में सेवा प्रदान किया गया है। इनमें से केवल 4% व्यवसायों को नियमित बैंकों से वित्त मिलता है। बैंक यह भी सुनिश्चित करेगा कि उसके ग्राहक ऋणग्रस्तता में न पड़ें और जिम्मेदारी से ऋण दें।

                     बैंक का  ₹200 अरब का एक प्रारंभिक निवेश होगा और क्रेडिट गारंटी फंड ₹30 अरब रुपये होगा। बैंक शुरू में एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) की सहायक कंपनी के रूप में कार्य करेगी। बाद में, इसे एक अलग कंपनी में बनाया जाएगा। हालाँकि, यह सूक्ष्म वित्त संस्थानों को विनियमित करेगा ।

सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त धनराशि प्रदान करेगी जिसमें से शिशु 40%, किशोर 35% और तरुण 25% का ऋण ले सकते हैं।

मुद्रा (MUDRA) बैंक से उधार लेने के पात्र

  • छोटी विनिर्माण इकाई
  • दुकानदार
  • फल और सब्जी विक्रेता
  • कारीगर

Pradhanmantri MUDRA Yojana

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) के उद्देश्य

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) के तहत मुद्रा बैंक में तीन श्रेणीयां है -शिशु ,किशोर और तरुण। ये तीनों श्रेणीयां लाभार्थियों को विकास और वृद्धि में मदद करेगी। मुद्रा बैंक के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैः-

  1. सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (MFI) और छोटे व्यापारियों, रिटेलर्स, स्वसहायता समूहों और व्यक्तियों को उधार देने वाली एजेंसियों को वित्त एवं उधार गतिविधियों में सहयोग देना।
  2. न्यून वित्त के ऋणदाता और कर्जगृहिता के मध्य नियम और सूक्ष्म वित्त प्रणाली में नियम और समावेशी भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए उसे स्थायित्व प्रदान करना।
  3. कर्ज लेने व्यक्तियों को निश्चित और सरल दिशानिर्देश उपलब्ध कराना, जिन पर अमल करते हुए व्यापार में नाकामी से बचा जा सके या समय पर उचित कदम उठाए जा सके। डिफॉल्ट के केस में बकाया पैसे की वसूली के लिए किस स्वीकार्य प्रक्रिया या दिशानिर्देशों का पालन करना है, उसे बनाने में मुद्रा (MUDRA) मदद करेगा।
  4. मानकीकृत नियम-पत्र तैयार करना, जो भविष्य में न्यून व्यवसाय की रीढ़ बनेगा।
  5. वितरित की गई पूंजी की निगरानी, कर्ज लेने और देने की प्रक्रिया में मदद के लिए उचित तकनीक मुहैया कराएगा।
  6. छोटे व्यवसायों को दिए जाने वाले कर्ज के लिए गारंटी देने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम बनाएगा।
  7. छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को प्रभावी ढंग से छोटे कर्ज मुहैया कराने की प्रभावी प्रणाली विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) के तहत उपयुक्त दिशानिर्देश तैयार करना।
  8. सभी MFI को पंजीकृत करना और पहली बार प्रदर्शन के स्तर (Performance Rating) और अधिमान्यता की प्रणाली शुरू करना। इससे कर्ज लेने से पहले आकलन और उस MFI तक पहुंचने में मदद मिलेगी, जो उनकी जरूरतों को पूरी करते हो और जिसका पुराना रिकॉर्ड सबसे ज्यादा संतोषजनक है। इससे MFI में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। इसका फायदा कर्ज लेने वालों को मिलेगा।

आवेदन की प्रक्रिया

कोई भी भारतीय नागरिक जो प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) के तहत ऋण प्राप्त करना चाहते हैं, वे अपने नजदीकी वाणिज्यिक बैंक, लघु वित्त बैंक, MFI और NBFC शाखा से संपर्क कर सकते हैं। यदि वे योग्य हैं।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज:-

  • पहचान पत्र- निर्वाचन कार्ड/ ड्राइविंग लाइसेन्स/ पैन कार्ड/ आधार कार्ड/ पासपोर्ट/ अन्य सरकारी दस्तावेज फोटो सहित।
  • निवास प्रमाण- हाल का टेलीफोन बिल/ विद्धुत बिल/ निर्वाचन कार्ड/ ड्राइविंग लाइसेन्स/ पैन कार्ड/ आधार कार्ड/ पासपोर्ट/ सरकारी विभाग द्वारा जारी निवास प्रमाणपत्र।
  • आवेदक का हाल ही में लिया गया फोटो।
  • व्यापार के विवरण का दस्तावेज/ खरीदे जाने वाले सामानों का विवरण।
  • समान उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति का नाम/ समान की लागत।
  • व्यापार का प्रमाणपत्र- लाइसेन्स के क्रमवार फोटोकापी/ पंजीकरण प्रमाणपत्र/ स्वामित्व निर्धारित करने वाले अन्य दस्तावेज।
  • जाति प्रमाणपत्र जैसे- SC/ ST/ OBC/ अल्पसंख्यक आदि।

नोट- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) के तहत ऋणन लेने पर ध्यान रखने योग्य बातें

  • ऋण प्राप्ति का कोई प्रदान-शुल्क नहीं लगता है।
  • ऋण भुगतान की अवधि 5 वर्ष तक होती है।
  • आवेदक किसी भी बैंक में दिवालिया घोषित न हो अन्यथा उस पर कानूनी कार्यवाही होगी।

निष्कर्ष

जैसा की हम सब जानते हैं भारत एक बड़ी आबादी वाला देश है, अतः कृषि मात्र से सही की आजीविका नहीं चल सकती। जिसके फलस्वरूप कुछ नागरिकों को अन्य व्यापार भी करना पड़ता है। दूसरी ओर कुछ राज्यों में भूमि इतनी उपजाऊ नहीं रह गई है कि जिस पर बेहतर कृषि की जा सके। इन्ही सब कारणों को देखते हुए भारत सरकार ने इस योजना (MUDRA Yojana) की शुरुआत की है।

ऐसे ही अन्य योजनाओं के बारे में जानने के लिए www.mypmyojana.in पर जाएं।

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