PM Cares Fund (2021) क्या है? क्या हैं इसके फायदे? पाएं पूरी जानकारी

PM CARES Fund

नमस्कार दोस्तों! आज हम जानने वाले हैं PM CARES Fund के बारे में। यदि PM CARES Fund के बारे में सभी जानकारी जैसे गठन, चेयरमैन, कार्यान्वयन, एकत्रित धनराशि का उपयोग आदि के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें।

प्रधानमंत्री आपातकालीन स्थिति में नागरिक सहायता और राहत निधि (PM CARES Fund) का गठन 28 मार्च वर्ष 2020 को भारत में COVID-19 महामारी के दौरान किया गया था। PM CARES Fund के द्वारा जमा की गई धनराशि को कोरोना महामारी में सहायता और राहत के लिए उपयोग किया जाएगा, साथ ही साथ इस राशि का उपयोग कोरोना महामारी के जैसे भविष्य में आने वाले अन्य समस्याओं में किया जाएगा।

यद्यपि धनराशि का कोई विवरण सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किए जाएंगे। भारत सरकार के घोषणा के अनुसार भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी इस निधि (PM CARES Fund) के चेयरमैन हैं। इसके मुख्य ट्रस्टी रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री श्री अमित शाह, वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन हैं।

(PM CARES Fund) संक्षिप्त विवरण

राष्ट्र              भारत

प्रधानमंत्री     नरेंद्र मोदी

स्थापना        28 मार्च वर्ष 2020; 7 महीने पूर्व

चेयरमैन       नरेंद्र मोदी

सदस्य         रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन

वेबसाईट     www.pmcares.gov.in

जैसा की ऊपर बताया गया है कि इस निधि से संबंधित किसी भी विवरण जैसे दान करने वालों के नाम दान की गई धनराशि, कुल एकत्रित धनराशि आदि को सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया जाएगा, इस कारण PM CARES Fund को अत्यधिक आलोचना का सामना करना पड़ा।

इसका मुख्य कारण पारदर्शिता, कार्य-प्रणाली आदि हैं। भारत सरकार ने PM CARES Fund को सार्वजनिक रूप से पारदर्शिता के नियम सूचना का अधिकार नियम 2005 (Right to Information Act 2005), के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। अभी इस समय भी Supreme Court में फंड को लेकर केस चल रहें हैं।

आधिकारिक कार्य-प्रणाली स्थापना

PM CARES Fund के स्थापना से संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक रूप से अभी तक जारी नहीं किए गए हैं। जैसा कि सारकारिक जानकारी के अनुसार बताया गया है कि यह एक सार्वजनिक दान ट्रस्ट है, और इसको 27 मार्च 2020 को रजिस्टर किया गया था। हालांकि, प्रधानमंत्री ऑफिस ने जून 2020 में, इससे संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक रूप में जारी करने के अपील को मना कर दिया था।

अप्रैल 2020 में सारकारिक सूत्रों के द्वारा बताया गया कि PM CARES Fund के लिए तीन विशेषज्ञों को नियुक्त किया गया है जो इस निधि में एकत्रित धनराशि को खर्च करने में सलाह देंगे। वे तीन व्यक्ति, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री तथा वित्त मंत्री हैं।

अगस्त 2020 में सूचना का अधिकार नियम 2005 के अंतर्गत याचिका दायर की गई थी, यह कारण बता कर कि PM CARES Fund के गठन को लेकर कैबिनेट में कोई बात-विमर्श नहीं किया गया था।

कर में छूट (Tax Exemptions)

अप्रैल 2020 में भारत सरकार ने एक ऑर्डिनेंस जारी किया जिसमें कहा गया था कि 30 जून से पहले दान किए धनराशि पर दाताओं को टैक्स में आयकर अधिनियम 1961 के वर्ग 80G के अंतर्गत छूट मिलेगी।

आलोचना

PM CARES Fund को इस आधार पर आलोचना का सामना करना पड़ा कि देश में पहले से ही एक निधि “प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत निधि (PMNRF) संचालित है, जिसकी स्थापना वर्ष 1948 में की गई थी जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, महामारियों, दंगों आदि के पीड़ितों को सहायता और राहत प्रदान करना है। यद्यपि PM CARES Fund की तरह PMNRF में भी दान की गई धनराशि, दान करने वालों का नाम, कुल धनराशि आदि की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जाता है।

इसके अलावा एक और निधि है, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया निधि(NDRF)। इसकी स्थापना आपदा प्रबंध अधिनियम 2005 के तहत की गई है। हालांकि सरकार ने उच्चतम न्यायालय(Supreme Court) में दावा किया कि NDRF प्राइवेट दान नहीं ग्रहण करता है। वहीं दूसरी ओर PM CARES Fund सभी प्रकार के दान को ग्रहण करता है।

PM CARES Fund से संबंधित किसी भी विवरण जैसे दान करने वालों के नाम, दान की गई धनराशि, कुल एकत्रित धनराशि आदि को सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया जाएगा, इस कारण PM CARES Fund को अत्यधिक आलोचना का सामना करना पड़ा।

कुल एकत्रित धनराशि (Total Collected Fund)

यद्यपि PM CARES Fund में अब तक दान किए गए धनराशि के बारे में कोई भी जानकारी को जारी नहीं किया गया है। परंतु सितंबर 2020 PM CARES Fund के सारकारिक वेबसाईट पर एक स्टेटमेंट अपलोड किया गया था, जिसमें यह बताया गया था कि 27 मार्च 2020 (जब PM CARES Fund की स्थापना हुई थी) से लेकर 31 मार्च 2020 तक कुल दान की राशि 30.76 अरब रुपये था, चूकि इसका कोई प्रमाण नहीं दिखाया गया था। अतः इसमें कितना सच है इसका कोई सटीक जानकारी नहीं है।

एक रिपोर्ट के अनुसार यह बताया गया था कि 19 मई 2020 तक, इसकी स्थापना से दो महीने के अंदर PM CARES Fund में दान की गई धनराशि लगभग 106 अरब रुपये थी। सार्वजनिक रूप से उपलब्ध न्यूज रेपोर्ट्स के अनुसार The Times of India ने दावा किया कि कुल दान राशि में से 53% दान प्राइवेट सेक्टर से दान किए गए तथा 42% दान सरकारी सेक्टर से किए गए तथा शेष 5% दान व्यक्तिगत रूप में किए गए।

स्वैच्छिक दान:-

अनेक प्रसिद्ध व्यक्ति जैसे धावक, अभिनेता आदि तथा संस्थाओं ने PM CARES Fund का समर्थन किया और इसमें दान करके इसका सहयोग किया। कई सरकारी संस्थाओं ने भी इसका सहयोग किया। इसके साथ-साथ कई सरकारी अधिकारियों ने अपने वेतन का कुछ हिस्सा दे कर इसका समर्थन किया।

प्राइवेट सेक्टर कंपनियों ने जैसे Larsen & Toubro, Infosys Foundation, Adani Foundation, Reliance Industries, Hero Group, TATA Trust, Paytm, Azim Premji समेत कई अन्य कंपनियों ने दान दे कर इसका सहयोग किया।

व्यक्तिगत रूप से दान करने वालों में अभिनेता अक्षय कुमार, रणवीर सिंह, शाह रुख खान, अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, निर्माता कारण जौहर, आदि शामिल हैं।

रूस डिफेन्स कंपनी Rosoboronexport समेत अन्य कई विदेशी कंपनियों तथा व्यक्तियों ने दान देकर इसका समर्थन किया।

सार्वजनिक क्षेत्र, बैंक, शिक्षण संस्थानों द्वारा दान:-

अगस्त 2020 में Indian Express ने 32 Public Sector Undertakings (PSUs) के खिलाफ सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत याचिका दायर की। जिसमें दावा किया कि PSUs ने 2105 करोड़ रुपये PM CARES Fund में ट्रांसफर किए।

कई बैंक जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और अन्य कई बैंक तथा Life Insurance Corporation of India (LIC) और Insurance Regulatory and Development Authority ने मिलकर 204 करोड़ रुपये दान किए।

सरकारी शिक्षण संस्थानों पर RTI (Right to Information) याचिका दायर की गई कि उन्होंने 21.8 करोड़ रुपये दान किए गए। इन शिक्षण संस्थानों में NCERT, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय तथा 20 IITs शामिल हैं।

आवश्यक दान:-

3 अप्रैल 2020 को अखिल भारतीय       (AIIMS) के डॉक्टर एसोसिएशन ने अपने एक दिन के वेतन को PM CARES Fund में दान करने का फैसला किया।

17 अप्रैल 2020 को झारखंड हाई कोर्ट ने 6 याचिका दायर करने वालों को 35000-35000 रुपये PM CARES Fund में दान करने का ऑर्डर दिया। इसी प्रकार पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भी 1000000 रुपये दान करने के आदेश दिए।

19 अप्रैल 2020 को सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री ने एक नोटिस जारी किया जिसमें उनके कर्मचारियों को उनके 3 दिन के वेतन को PM CARES Fund में दान करने को कहा गया था।

इसके साथ ही वित्त मंत्रालय के रेविन्यू डिपार्टमेंट ने अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक प्रतिमाह 1 दिन का वेतन दान करने का फैसला किया।

 

PM CARES Fund के व्यय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि प्रधानमंत्री ऑफिस (PMO) को COVID-19 के महामारी के जंग में मदद के लिए बहुत से आग्रह किए गए थे अतः PM CARES Fund इस महामारी में उनकी सहायता करेगा। 10 मई को सारकारिक अधिकारियों ने बयान दिया था कि एक निश्चित धनराशि एकत्रित होने के बाद PM CARES Fund उन पैसों को देश-हित में खर्च करेगा। PM CARES Fund के अंतर्गत खर्च किए गए पैसों के विवरण को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।

Ventilators की खरीद:-

24 जून 2020 को भारत सरकार ने एक बयान जारी किया जिसमें यह दर्शाया गया था कि 6% Ventilator PM CARES Fund के धनराशि से खरीदे गए। अर्थात प्रारंभ में 50,000 में से 2,923 Ventilator PM CARES Fund द्वारा खरीदे गए तथा विभिन्न राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को प्रदान किए गए।

Fake Accounts:-

जब PM CARES Fund की स्थापना हुई उसके तुरंत बाद ही इससे संबंधित कई fake अकाउंट पाए गए थे जो लगभग इसके जैसे ही थे। जैसा कि हम जानते हैं कि PM CARES Fund की official UPI अकाउंट pmcares@sbi और pmcares@iob है। परंतु दिल्ली पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया उसने pmcare@sbi नाम से अकाउंट बनाया था। इसी प्रकार नवी मुंबई में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया वह Phonepe पर fake अकाउंट बनाकर पैसे लूट रहा था।

हालांकि भारतीय प्रेस ब्यूरो ने ट्विटर पर आश्वासन दिया था कि दान की गई राशि को fake अकाउंट से पूरा वापस ले लिया गया था।

निष्कर्ष

जैसा कि हम जानते हैं भारत में कुछ लोग बहुत गरीब हैं तथा साथ ही साथ कुछ लोग बहुत ही अमीर हैं। PM CARES Fund एक ऐसा साधन है जिसके माध्यम से कोई भी लोगों की मदद कर सकता है, चाहे वह गरीब हो या अमीर। इसमें आप न्यूनतम 10 रुपये तक दान कर सकते हैं।

इसमें सुविधाओं के साथ-साथ कुछ कमियाँ भी हैं। इसमें दान किए गए धन राशि का कोई भी विवरण सार्वजनिक नहीं किया जाएगा तथा साथ ही इसके अंतर्गत खर्च किए गए पैसों का भी कोई विवरण सार्वजनिक नहीं किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता में कमी आएगी तथा जबाबदेही में भी कमी होगी। इससे जनता को कुछ भी पता नहीं चलेगा कि कितनी धन राशि एकत्रित की गई तथा कितना खर्च कहाँ हुआ।

इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के आपका धन्यवाद, ऐसे ही अन्य जानकारी के लिए www.mypmyojana.in पर अवश्य जाएं।

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