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CHANDRAYAAN -3 MISSION
CHANDRAYAAN -3 MISSION भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा चलाई जाने वाली MOST POWERFUL INDIAN LUNAR MISSION है । चंद्रयान 2 के बाद इस मिशन को आयोजित किया गया है । इस मिशन का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर जाने तथा उस पर प्रमुख तत्वों के बारे में जानकारी इकट्ठा करना है । चंद्रयान 3 में नए तकनीकी और वैज्ञानिक प्रयास समलित है । यह VERY EXPENSIVE MISSION है ।
चंद्रयान 2 2019 को शायद कोई भारतीय होगा जो भुला पाएगा । अपने रास्ते से भटकते विक्रम लैंडर , लैंडर से संपर्क टूटने से चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंड हुआ था । सतह से लगभग 2.1 किलोमीटर ऊपर से चंद्रयान 2 मे खराबी शुरू हो गई थी । और ओ अपने मार्ग से भटक गया था । अगर उस समय भारत चंद्रमा पर विक्रम लैंडर को सही सलामत लैंड करा पता । तो भारत चंद्रमा पर उतारने वाला चौथा देश बन जाता । लेकिन शायद भगवान को ये मंजूर नहीं था ।
भारत के चंद्रयान 2 के कुछ माह पहले इजराइल भी चंद्रमा पर परास्त हो चुका था । इजराइली स्पेस एजेंसीस्पेस आयल का बेरेसीट लैंडर (BERESEET LANDAR) भी चाँद पर उतरते हुए एक साफ्टवेयर तकनीकी के कारण हार्ड लैंड हुआ था । लेकिन भारत ने हर नहीं मानी । परन्तु गलती से सिख ले कर यह निश्चय किया है CHANDRAYAAN 3 MISSION का जो जुलाई 2023 में लांच किया जाएगा । वर्षों पहले CHANDRAYAAN – 3 MISSION पर कई प्रकार की आर्टिकले लगाई जा रही थी , की आखिर इस मिशन में क्या होगा , कौन-कौन से उपकरण होंगे ,और ओ चंद्रमा पर क्या काम करेंगे ।
CHANDRAYAAN -3 MISSION LANCHING DATE, TIME &PLACE:
चंद्रयान 3 को भारत के आंध्रप्रदेश राज्य के तिरुपति जिले मे स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारतीय समयानुसार 14 जुलाई 2023 को सायकाल 2:35 पर लांच किया जाएगा ।http://www.isro.gov.in
CHANDRAYAAN -3 MISSION, LANCHING DATE : 14 जुलाई 2023
CHANDRAYAAN -3 MISSION, LANCHING TIME : 2:35 PM IST
चंद्रयान 3 अंतरिक्ष यान जिसे LVM3 (लांच व्हीकल मार्क 111 ) जिसे पहले GSLVM111 के रूप मे जाना जाता था ,द्वारा लांच किया जाना है ।
CHANDRAYAAN -3 MISSION क्या है और यह चाँद के किस ध्रुव पर लैंड होगा ?CHANDRAYAAN 3 MISSION DETELS
CHANDRAYAAN -3 MISSION भारतीय स्पेस एजेंसी का एक प्रोजेक्ट है । जिसका प्राथमिक अब्जेक्टिव रहेगा एक लैंडर और रोवर को चंद्रमा की सतह पर सफलता पूर्वक लैंड करवाना । लेकिन यह मून मिशन इतना जटिल इसलिए बन जा रहा है क्योंकि CHANDRAYAAN -3 MISSION को चाँद के दक्षिण ध्रुव पर लैंड कराना है ।
दक्षिण ध्रुव पर समस्या यह है की हम दक्षिण ध्रुव पर किसी भी चीज से सीधे COMMUNICATE नहीं कर सकते और नहीं वह कम्यूनिकेशन सही समय पर होगा । न तो हम मून के दक्षिण ध्रुव को सीधे प्रेक्षण कर सकते है इसलिए यहा लैंडिंग इतना जटिल बन जाता है ।
दक्षिण ध्रुव पर गलती की कोई गुंजाइस नहीं रहेगी । दक्षिण ध्रुव के भौगोलिक स्थिति के बारे मे ज्यादा जानकारी न होने से यहा CHANDRAYAAN -3 MISSION का लैंडिंग इतना जटिल बन जाता है। इसरो का चंद्रयान 2 भी दक्षिण ध्रुव पर क्रेश लैन्डिंग हुआ था ।
CHANDRAYAAN -3 MISSION SPACECRAFT को दक्षिण ध्रुव पर ही क्यों उतारा जा रहा है ?
लैन्डिंग इतना कठिन होने के बावजूद भी CHANDRAYAAN -3 MISSION को दक्षिण ध्रुव पर इसलिए उतार जा रहा है क्योंकि CHANDRAYAAN 1 को भी दक्षिण ध्रुव पर उतारा गया था और CHANDRAYAAN 1 ने चाँद के दक्षिण ध्रुव पर ही पानी की खोज किया था । और आगे चल कर नासा के लुनार ऑर्बिटर ने यह पूस्टी किया था की वाकही चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पानी मौजूद है । चंद्रयान 1 द्वरा ये achievements इंडिया को प्राप्त हुआ ।
चंद्रमा के इस इलाके मे एसे क्रेटर्स मौजूद है जो सदैव सूरज की प्रकाश से दूर रहते है इस लिए हमे वह पर पानी मिल सकता है । और सूरज की रेडीएसन से दूर होने के वजह से हमे उन क्रेटर्स मे जीवन का संकेत मिले तो यह बहुत बड़ी खोज , achievements होगी।
CHANDRAYAAN -3 MISSION, SPACECRAFT मे क्या -क्या मौजूद है ?
CHANDRAYAAN -3 MISSION मे एक लैंडर एक रोवर और एक प्रॉपल्सन मॉडुल शामिल है । यह आज तक का MOST POWERFUL MISSION है । CHANDRAYAAN -3 MISSION मे लैंडर ,रोवर चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर के जैसे ही होंगे परंतु कुछ बेहतर उन्नति के साथ चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर की जगह इस बार चंद्रयान 3 मे एक प्रॉपल्सन मॉडुल होगा जोकी किसी ऑर्बिटर की तरह चाँद को आर्बिट करेगा । लैंडर और ग्राउंड कंट्रोल के बीच कम्यूनिकेशन के लिए इसे प्रयोग किया जाएगा ।
प्रॉपल्सन मॉडुल: CHANDRAYAAN -3 MISSION
यह एक बॉक्स टाइप का संरचना होगा , जिसकी एक तरफ ऊर्जा के लिए सोलर पैनल लगाए गए है ,इसके ऊपर एक बड़ा सिलेंडरिकल संरचना है जिसे इन्टर मॉडुल अडाप्टर कोने भी कह सकते है जो लैंडर को माउंट करने क लिए है इसके अतिरिक्त दिशा और गति को कंट्रोल करने के लिए मेन थर्सटर भी लगाए गए है ।
प्रॉपल्सन का कार्य :
CHANDRAYAAN -3 MISSION मे मूल रूप से प्रॉपल्सन मॉडुल का काम लैंडर को केरी करके चाँद के विशिष्ट एरिया तक ले जाना ,लैंडर को एक विशिष्ट उन्मुखीकरण मे लैंडिंग के लिए तैयार करना और लैंडर और ग्राउंड कंट्रोल के बीच कम्यूनिकेशन के लिए काम आना ।
CHANDRAYAAN -3 MISSION लैंडर :
यह समानतः एक बॉक्स की आकार मे होता है , सतह पर लैंड करने के लिए इसमे चार पैर होंगे । लैंडिंग के समय उतारने के लिए इसमे भी लैंडर थरस्टर लगे होंगे ।
लैंडर का भर लगभग 7552 किलोग्राम है । इसमे करीब 26 किलोग्राम का एक रोवर भी है ,इसके साइड मे लगे होंगे सोलर पैनल जोकि इसकी ऊर्जा को पूरा करेंगे ।
इस मिशन मे इसरो को सबसे बड़ी कठिनाई होगी चंद्रमा की सतह पर सफलता पूर्व लैंड करना ।
CHANDRAYAAN -3 MISSION रोवर :
CHANDRAYAAN -3 MISSION मे इसमे अतिरिक्त उपकरण
- LASER DOPPLER VELOCIMETER (LVD)
- LASER ALTIMETER (LASA)
- LAR
- STAR SENSOR
- ILSA PAYLOAD
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