कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना क्या है ?kaushal vikas yojana takaniki unnayan kya hai? 2023
योजना का उद्देश्य
कौशल विकास योजना (kaushal vikas yojana)का उद्देश्य बोर्ड द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को उसमें कौशल संबंधित दक्षता विकास एवं तकनीक उन्नयन के उद्देश्य से आवश्यक प्रशिक्षण सुलभ कराया जाना है निर्माण कार्य से जुड़े हुए विभिन्न प्रकार की श्रमिक केवल अनुभव के आधार पर ही कार्य करते हैं इनके लिए औपचारिक तकनीक प्रशिक्षण की व्यवस्था का पूर्ण रूपेण अभाव है कौशल विकास (kaushal vikas yojana) उन्नयन तथा दक्षता विकास के संस्थागत अभाव में सामान्यत इन श्रमिकों को उचित मजदूरी में बेहतर सेवा शर्तों का लाभ भी नहीं मिल पाता है
ऑपचारिक प्रशिक्षण का लाभ यह श्रमिक एवं उनके पुत्र या पुत्री मुख्यता धनाभाव के कारण प्राप्त नहीं कर पाते हैं इस योजना का उद्देश्य ऐसे प्रशिक्षण में हुए व्याय तथा मजदूरी के नुकसान जैसी स्थिति हो की पूर्ति कराना है.
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पात्रता
कौशल विकास योजना (kaushal vikas yojana) के पात्रता हेतु शर्मिका बोर्ड द्वारा लाभार्थी श्रमिक पंजीकृत होना अनिवार्य है इस योजना के अंतर्गत लाभ पंजीकृत निर्माण श्रमिकों अथवा उनकी पत्नी अथवा उनके उपर आश्रित अविवाहित उतरी वर्ष से कम उम्र के पुत्रों को ही सुलभ हो सकेगा।
कौशल विकास योजना (kaushal vikas yojana)के अंतर्गत लाभ किसी शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शासकीय पॉलिटेक्निक अथवा निजी पॉलिटेक्निक से किसी मान्यताप्राप्त पाठ्यक्रम व्यवसाय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत स्थापित एवं संचालित व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र जो तकनीकी उन्नयन प्रमाणीकरणों से संबंधित हो मैं प्रशिक्षण प्राप्त करने की दशा में ही सुलभ हो सकेगा
परन्तु वे किसी शैक्षणिक संस्थान का शुल्क वही देय होगा जो शासन द्वारा अथवा शासन द्वारा निर्धारित शुल्क समितियों में तय हुआ है तथा शासन की अन्य फीस प्रति योजनाओं से वहन भी न हो।
कौशल विकास योजना (kaushal vikas yojana)के अंतर्गत अनुमन्य लाभ
कौशल विकास योजना(kaushal vikas yojana) के अंतर्गत प्रशिक्षण की दशा में संस्था द्वारा निर्धारित शुल्क पाठ्य पुस्तक व प्रशिक्षण से संबंधित अन्य लेखन सामग्री इत्यादि के व्यय की प्रतिपूर्ति बूट द्वारा किया जाए।
यदि प्रशिक्षण कार्यक्रम में पंजीकृत निर्माण श्रमिक स्वयं भाग लेता है तो ऐसी स्थिति में प्रशिक्षण अवधि की मजदूरी जो संबंधित कार्य हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दरों को अनुरूप होगी की पूर्ति भी बोर्ड द्वारा की जाएगी।
प्रशिक्षण शुल्क सामग्री पाठ्य पुस्तकों पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु श्रमिक को उस संस्थान से प्रदित्य प्रमाणपत्र एवं प्रमाणित व्य विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा प्रशिक्षण और अवधि में मजदूरी की प्रतिपूर्ति केवल पंजीकृत निर्माण श्रमिकों से संबंधित नहीं की जाएंगे ना कि पंजीकृत निर्माण के आश्रित पुत्र पुत्रों के संदर्भ में ।
आवेदन प्रक्रिया
- पंजीकृत निर्माण श्रमिकों द्वारा निर्धारित प्रारूप पर प्रार्थना पत्र प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के तीन माह के अंदर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा तीन माह से अधिक अवधि में परंतु छह माह की अवधि के अंदर प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों में बोर्ड से सच्ची द्वारा पर्याप्त कारण उपलब्ध कराया जाने पर ही निर्णय लिया जा सकेगा
- आवेदक द्वारा प्रार्थना पत्र निकटस्थ श्रम कार्यालय अथवा संबंधित तहसील कार्यालय में तहसीलदार व संबंधित विकास खंड कार्यालय में खंड विकास अधिकारी को निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन पत्र दो प्रतियों में प्रस्तुत किया जाएगा जिसकी एक प्रति पावती रूप आवेदक को प्रार्थनापत्र प्राप्त करने वाले अधिकारी द्वारा प्राप्त की तिथि अंकित कराते हुए उपलब्ध करायी जाएगी
- आवेदन पत्र के साथ पंजीकृत निर्माण शर्मिका निर्गत पहचान पत्र की फोटो प्रति संलग्न किया जाना अनिवार्य होगा
- आवेदन पत्र के साथ प्राप्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रमाणपत्र की फोटो प्रति प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्था द्वारा दिया गया व्यय का प्रमाण पत्र मूल रूप मैं एवं संस्थान द्वारा इस आशय का दिया गया प्रमाणपत्र की आवेदक अथवा उसकी पत्नी पुत्री पुत्र लेकिन तिथियों से प्रशिक्षण प्राप्त किया भी संलग्न करना अनिवार्य होगा
हितलाभ की स्वीकृति हेतु प्रक्रिया भुगतान की प्रक्रिया तथा सूचना पर रख रखाव एवं प्रेषण की प्रक्रिया (kaushal vikas yojana)
- प्राप्तकर्ता कार्यालय प्रार्थना पत्र की प्राप्ति के समय चेक लिस्ट के अनुसार विवरणों की पुष्टि करते हुए तथा समस्त वांछित अभिलेखों को प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न होने की दशा में ही प्रार्थना पत्र प्राप्त करेंगे
- ताकि आवेदक निर्माण श्रमिक अथवा उसके परिवार का अनावश्यक रूप से दुबारा बुलवाने की आवश्यकता न हो ऐसा इसलिए भी आवश्यक है की प्रार्थना पत्र समय में स्वीकृति किया जाना संभव हो सके है।
- जिला श्रम कार्यालय में इस प्रकार प्राप्त सभी आवेदन पत्रों को सूचीबद्ध करते हुए पत्रावली पर पूर्ण विवरण अंकित करते हुए जिलाधिकारी के समक्ष प्रार्थना पत्र प्राप्त होने की तिथि से यथासंभव 3 दिन के अंदर जिलाधिकारी के आदेशानुसार प्रस्तुत किया जाएगा। प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने से पूर्व चेक लिस्ट के अनुसार सभी विवरण क्योंकि अभिलेखों के अनुसार पुष्टि कर ली जाएं।
- जिलाधिकारी द्वारा ऐसे प्राप्त सभी प्रार्थना पत्रों पर प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न अभी प्रमाणित अभिलेखों से संतुष्ट होने की स्थिति में योजनानुसार अनुमान्य धनराशि की स्वीकृति के आदेश पत्रावली पर किए जाएंगे
- जिलाधिकारी यदि ऐसा आवश्यक वसनीय प्रतीत करें तो प्रार्थना पत्र में उल्लेख तथ्यों स्थलीय जांच के आदेश भी जिला श्रम कार्यालय के अधिकारी के माध्यम से कर सकते हैं अथवा जिलाधिकारी एक संयुक्त जांच टीम गठित करते हुए संबद्ध स्थली जांच करवा सकते है स्वीकृति संबंधित या कार्रवाई यथासंभव पत्रावली प्रस्तुत होने के 10 दिनों के अंदर पूरी कर ली जाएगी
- प्रार्थना पत्र पर स्वीकृति होने की जैसे इस्थिति होगी की सूचना प्रपत्र दो पर आवेदक को उपलब्ध करवाई जाएगी
- जिलाधिकारी से आवेदन पत्र स्वीकृत होने की स्थिति में यथासंभव 10 दिन के अंदर जिला श्रम कार्यालय के प्रभारी अधिकारी द्वारा प्रभारी सहायक श्रमायुक्त के माध्यम से स्वीकृति प्राप्त पत्रावली या पूर्ण वितरण सहित क्षेत्रीय अपार श्रम आयुक्त की समक्ष प्रस्तुत की जाएगी
- क्षेत्रीय श्रम आयुक्त द्वारा इस प्रकार जिलाधिकारी से स्वीकृति प्राप्त पत्रावली उनके कार्यालय में प्राप्त होने की तिथि से विलंबता 3 दिन के अंदर संबंधित निर्माण शर्म के नाम से रेखांकित चेक स्वीकृति धनराशि का उल्लेख करते हुए निर्गत किया जाएगा
- जिसमें लाभार्थी बैंक खाता नंबर शाखा इत्यादि का भी स्पष्ट विवरण अंकित किया जाएगा इस प्रकार निर्गत चेक संबंधित जिला श्रम कार्यालय के प्रभारी जिलाधिकारी उपलब्ध करवाया जाएगा बोर्ड की आगामी छह माह में यह प्रयास होगा कि संबंधित लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे बैंक ट्रांसफर के माध्यम से धनराशि भेजी जाएगी
- परंतु जब तक यह व्यवस्था प्रभावी नहीं हो जाता तब तक इस प्रस्तर में पुल लेख में दिशा निर्देशन के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी
कठिनाइयों का निवारण
- कौशल विकास योजनाओं (kaushal vikas yojana) के क्रियान्वयन में आने वाली घटनाओं के निवारण हेतु उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव सक्षम होंगे और इस संबंध में कोई दिशा निर्देश आदेश निर्गत कर सकेंगे.
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